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बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर सामाजिक समरसता मंच ने की विचार गोष्ठी


आज दिनांक 14 अप्रैल 2024 को बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती पर सामाजिक समरसता मंच गुरूग्राम विचार गोष्ठी का आयोजन माधव भवन सेक्टर 12 गुरुग्राम हरियाणा में किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता क्षेत्रीय संघचालक श्रीमान पवन जिंदल जी ने की। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा. कल्पना रंगा जी , उप निदेशक एस सी ई आर टी गुरुग्राम हरियाणा व श्रीमान जगदीश ग्रोवर महानगर संघ संचालक उपस्थित रहें। गोष्ठी का संयोजन नरेश कुमार शर्मा जी ने किया। गोष्ठी में डॉक्टर डॉ आर पी शर्मा विभाग संयोजक ने सामाजिक समरसता के महत्व पर प्रकाश डाला। एक समरस समाज ही समर्थ राष्ट्र की स्थापना कर सकता है।

देश के विकास के लिए सभी जातियों के बीच आपस में सामंजस्य एवम सम्मान बनायें रखा जाय। गोष्ठी मे सभी विद्वानो ने निम्नलिखित मत एवम सुझाव प्रकट किए । समाज के वंचित वर्ग के लोगों को मुख्य धारा में लाया जाय एवं उनको एवम उनके बच्चों को शिक्षा, सामाजिक व आर्थिक दृष्टि से सामर्थ्य बनाया जाय। इस बिन्दु पर सभी उपस्थित बुद्धिजीवी लोगों ने अपनी सहमति देते हुए इसे क्रियान्वित करने हेतु विचार रखा।

मुख्य अतिथि डॉ कल्पना रंगा जी ने अपने वक्तव्य में बहुत ही सुन्दर ढंग से कहा कि सरकार की योजना बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ इतनी सफल रही है की आज हर क्षेत्र में समाज की बेटियां अपनी लोहा मनवा रही है। बेटियां आत्म निर्भरता में , स्वरोजगार में आगे आ रही है। जबकि हमारे बेटे इतनी रुचि अध्ययन में रुचि नहीं ले रहे हैं। तो समय अब दूर नहीं है जब स्लोगन होगा -बेटा बचाओ बेटा पढ़ाओ ।

इस कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र संघचालक माननीय पवन जिंदल जी ने समाज के सभी लोगो को अन्य सभी समाज के वंचित एवम अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियो के प्रति साकारात्मक सोच रखें और सदैव उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित एवम मार्ग दर्शन दें। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने हमे जन्म मानव जाति में जन्म दिया। और विभिन्न जातियों का रचना समाज ने कर्म के आधार पर किया। तो इसमें उच्च नीच का कोई अर्थ नहीं है। हमे कर्म का सम्मान करना चाहिए। किसी भी मनुष्य रक्त लाल होता है। उसका रंग केवल और केवल एक है।इसलिए हम सभी एक है।

गोष्ठी में डॉक्टर डॉ आर पी शर्मा ने सामाजिक समरसता गोष्ठी के उद्देश्य को समझाया। एक समरस समाज ही समर्थ राष्ट्र की स्थापना कर सकता है।

डॉ अशोक दिवाकर जी ने भी अपनी प्रस्तावना में भेदभाव को खत्म करने की बात कही तथा यह सुझाव दिया की ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए की वंचित वर्ग को भी उन्नति करने का समान अवसर मिले। समाज के सभी वर्गों से अपील किया की हमे उच्च नीच, रंगभेद, भाषा विवाद, क्षेत्रीय विवाद से हमें बचना चाहिए। गोष्ठी में साहिब सिंह सोलंकी अंबेडकर सभा सेक्टर 10 ,कप्तान प्रेम सिंह प्रधान अंबेडकर सभा सेक्टर 4 ,शिवकुमार शर्मा ,प्रधान ब्रह्म परिषद सेक्टर 10 ए,जिले सिंह सिसोदिया, राजपूत सभा ,श्री विजय अग्रवाल ,प्रधान वैश्य समाज सेक्टर 4, श्री राजू शर्मा प्रांत संयुक्त मंत्री भारत शिक्षण मंडल हरियाणा प्रांत , श्री विवेकानंद तिवारी भारत विकास परिषद महाराणा प्रताप शाखा, श्री अशोक आर्य,आर्य समाज गुरुग्राम प्रोफेसर आर के पूनिया शिक्षाविद, प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी डॉ पी एन सिंह ने भी अपने विचार रखें। सभी का यह विचार रहा की सामाजिक विषमता को दूर कर समाज के सभी वर्ग के लोगों के लिए समान अवसर प्राप्त हो तथा उच्च नीच का भेदभाव ना हो। सदा एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव विकसित हो तभी हमारा देश विकसित राष्ट्र बन सकेगा और विश्व गुरु का स्थान प्राप्त कर सकेगा। गोष्ठी में विभिन्न क्षेत्र से आए हुए प्रतिनिधि शामिल हुए जिनमे महावीर भारद्वाज, श्री सुशील सौदा, सौरभ सचदेवा ,ऊष्मा सचदेवा सलिल मिश्रा, कमांडेंट रोहतास गुप्ता, सुरेश शर्मा ,श्री एम आर शर्मा, हरीश वर्मा श्रीनिवास ओझा, अमरजीत, कांता, विमल कटारा महानगर कार्यवाह विकास विभाग प्रचारक, व अन्य समाज के प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहे

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